पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा वास्तु के लिए उपाय

वास्तुशास्त्र में सभी दिशाओं का महत्व बहुत ज्यादा होता हैं। इसी तरह से पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा का भी अपना महत्व हैं। इस दिशा का संबंध आपके जीवन में जो ज्ञान अर्जित करते हैं, उसके साथ जोड़ा जाता हैं। या फिर इसका संबंध स्वास्थ्य के साथ भी जोड़ा जाता हैं। आजकल पूरी मानवता कोरोना के साथ जूझ रही हैं। और सभी जानते हैं कि फेफड़ों का स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण होता हैं। यह दिशा फेफड़ों के स्वास्थ्य के साथ भी जुड़ी हुई हैं।

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पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा की विशेषताएं:

पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा इंसान के ज्ञान के साथ और उसके स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित करती हैं। किसी व्यक्ति के पास कितना धन अर्जित हैं। जिसका उपयोग वह जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए कर सकता हैं। इसको भी यह दिशा प्रभावित करती हैं। अगर इस दिशा के अनुसार वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन नहीं किया जाता तो अर्जित धन या फिर अर्जित ज्ञान भी किसी काम का नहीं रहता। फेफड़ों के स्वास्थ्य के साथ इसका बहुत ही क़रीबी संबंध रहता हैं। इस दिशा के अनुसार अगर वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन किया जाए तो व्यक्ति ज्ञान, धन, और स्वास्थ्य तीनों का लाभ प्राप्त करता हैं।

पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा में वास्तुशास्त्र का उपयोग:

वास्तुशास्त्र के नियमों के अनुसार यह दिशा किसी भी व्यक्ति के भवन में पढ़ाई के कमरे के लिए, ऑफिस, लाइब्रेरी या फिर कोई भी ऐसा कमरा बनाने के लिए उपयुक्त हैं, जहां पर ज्ञान अर्जित करने से संबंधित कोई कार्य किया जाता हैं। आप इस दिशा का प्रयोग बच्चों के कमरे को बनाने के लिए या फिर पढ़ाई के कमरे को बनाने के लिए कर सकते हैं। इस दिशा का प्रयोग शयन कक्ष बनाने के लिए भी किया जा सकता हैं। मंदिर बनाने के लिए यह दिशा पूरी तरह से उपयुक्त नहीं हैं। इसका कारण यह हैं, कि यह दिशा किसी को बहुत लाभ देती हैं, या फिर बिल्कुल भी लाभ नहीं देती। शौचालय बनाने के लिए यह दिशा उपयुक्त नहीं हैं। अगर आप शौचालय इस दिशा में बनाते हैं तो आपका ज्ञान आप के काम नहीं आता हैं। घर में एअर कंडीशनर लगाने के लिए दिशा बिल्कुल अनुपयुक्त हैं। यह फेफड़ों को बुरी तरीके से प्रभावित करती हैं। और अगर इस दिशा की तरफ घर में सीलन आती हैं, तो वह भी फेफड़ों के लिए हानिकारक होती हैं। लाल, भूरा या हरे रंग का प्रयोग इस दिशा की तरफ बिल्कुल नहीं किया जाना चाहिए। इस दिशा में केवल सफेद, पीला या नीला, इन 3 रंगों का प्रयोग किया जा सकता हैं।

पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा के उपाय :

अगर घर की इस दिशा की तरफ शौचालय होता हैं, तो आप इसके चारों तरफ सफेद रंग की पट्टी या टेप लगाकर उपाय कर सकते हैं। पीली टेप का प्रयोग इसमें बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बुरा प्रभाव भी पड़ सकता हैं। अगर आपके घर का एअर कंडीशनर की दिशा भी इसी तरफ हैं, तो आप उसके चारों तरफ सफेद रंग की टेप या पट्टी लगाकर उपाय कर सकते हैं। अगर घर की रसोई इसी दिशा की तरफ ठीक हैं, तो आप रसोई गैस के चूल्हे को उठाकर पश्चिम दिशा की तरफ कर दें। अगर ऐसा कर पाना के लिए संभव नहीं हैं, तो आप पीले रंग के पत्थर की स्थापना गैस के चूल्हे के नीचे कर सकते हैं। अगर इस दिशा की तरफ आप बच्चों के पढ़ने का कमरा नहीं बना सकते, तो बच्चों की किताबों इस दिशा में स्थित कमरे में रखी जा सकती हैं। यह बच्चों के ज्ञान अर्जित करने की क्षमता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता हैं।