पश्चिम उत्तर पश्चिम के लिए वास्तु उपाय

वास्तुशास्त्र में दिशाओं के महत्व को जब सभी जानते हैं। कुल 16 देशों में से एक छोटी सी दिशा हैं जो 22. 5 डिग्री की तरफ स्थित होती हैं। इस दिशा को नकारात्मक दृष्टि से देखा जाता हैं। वास्तु शास्त्र में इस दिशा को यादों के साथ, डिप्रेशन से और लत लगने से जोड़ा गया हैं। इस दिशा की विशेषता और कैसे इस दिशा को अपने लाभ के लिए हम प्रयोग में ला सकते हैं। इसकी जानकारी आगे वर्णित की गयी हैं।

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पश्चिमी उत्तरी पश्चिमी दिशा की विशेषता :

पश्चिमी उत्तरी पश्चिमी दिशा इंसान को पुरानी यादों की तरफ, किसी आदत की तरह या फिर लत की तरफ आकर्षित करती हैं। इसका मतलब यह हैं कि इंसान भूतकाल में ही अपनी सोच को केंद्रित रखता हैं, और वर्तमान के ऊपर या भविष्य के ऊपर ध्यान नहीं दे पाता हैं। अगर इस दिशा के को अनदेखा किया जाए तो सुख समृद्धि आने में बाधा बन जाती हैं। सकारात्मक सोच इंसान से दूर जाती रहती हैं और नकारात्मक सोच हावी हो जाती हैं।

अगर किसी घर में कोई व्यक्ति लच के साथ संघर्ष कर रहा हैं या फिर मानसिक संतुलन से या मानसिक विचारों के साथ संघर्ष कर रहा हैं। तो ऐसे घर में इस दिशा के से जुड़े हुए वास्तुशास्त्र के नियमों को ध्यान में रखकर उपाय करनी बहुत जरूरी हैं। आइए जानिए कि कैसे इस दिशा के बारे में पूरी जानकारी होने के बाद हम कैसे अपने भवन के अंदर वास्तुशास्त्र के नियमों का पालन करते हुए घर में सुख समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रचार कर सकते हैं।

पश्चिमी उत्तरी पश्चिमी दिशा के वास्तुशास्त्र के प्रभाव और उपाय:

वास्तुशास्त्र में किस दिशा को घर के मंदिर और बिल्कुल अनुपयुक्त माना जाता हैं। घर की रसोई भी इस दिशा में नहीं होनी चाहिए। बल्कि यह दिशा शौचालय बनाने के लिए और कपड़े धोने की मशीन को रखने करने के लिए सबसे उत्तम दिशा हैं स्वास्थ्य की दृष्टि से यह दूसरा बहुत ही हानिकारक हैं। स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह दिशा बहुत से बुरे प्रभाव लेकर आती हैं। शराब तंबाकू या किसी और बुरे पदार्थ की लत लग जाना इसी दिशा का प्रभाव हो सकता हैं। इसके अलावा इस दिशा में किसी लाल रंग की कपड़े का या किसी लाल रंग की वस्तु के होने थायराइड होने की संभावना बढ़ जाती हैं। अगर घर का घर के कमरे इस दिशा तरफ होते हैं, तो इंसान अकेलापन महसूस करता हैं। नकारात्मक ऊर्जा उस पर हावी हो जाती हैं और वह भविष्य की तरह सकारात्मक रवैया के साथ नहीं देख पाता।

अगर किसी घर में रसोई घर किस दिशा की तरफ स्थित हैं तो इसका उपाय हैं कि उस रसोई घर में पीले रंग के पत्थर की स्थापना की जाए अगर किसी घर में शयन कक्ष इस दिशा की तरफ स्थित हैं, तो सिर की दिशा को पश्चिम की तरफ रख कर ही सोना चाहिए। सबसे उत्तम उपाय यही हैं कि सिर को पश्चिम की दिशा की तरफ ही रखें। इस दिशा की तरफ लाल रंग का प्रयोग किसी भी तरह से नहीं करना चाहिए।। ऐसा करने से समस्याएं और बढ़ जाती हैं जिनका निवारण करना मुश्किल हो जाता हैं।

पश्चिम दक्षिण पश्चिम दिशा के उपाय :

अगर घर की इस दिशा की तरफ शौचालय होता हैं, तो आप इसके चारों तरफ सफेद रंग की पट्टी या टेप लगाकर उपाय कर सकते हैं। पीली टेप का प्रयोग इसमें बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बुरा प्रभाव भी पड़ सकता हैं। अगर आपके घर का एअर कंडीशनर की दिशा भी इसी तरफ हैं, तो आप उसके चारों तरफ सफेद रंग की टेप या पट्टी लगाकर उपाय कर सकते हैं। अगर घर की रसोई इसी दिशा की तरफ ठीक हैं, तो आप रसोई गैस के चूल्हे को उठाकर पश्चिम दिशा की तरफ कर दें। अगर ऐसा कर पाना के लिए संभव नहीं हैं, तो आप पीले रंग के पत्थर की स्थापना गैस के चूल्हे के नीचे कर सकते हैं। अगर इस दिशा की तरफ आप बच्चों के पढ़ने का कमरा नहीं बना सकते, तो बच्चों की किताबों इस दिशा में स्थित कमरे में रखी जा सकती हैं। यह बच्चों के ज्ञान अर्जित करने की क्षमता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता हैं।