वास्तु शास्त्र में आमतौर पर लोगों में यह धारणा बैठी हुई हैं कि दक्षिण-दक्षिण पश्चिम दिशा एक नकारात्मक दिशा हैं। इसके प्रभाव से पैसा चला जाता हैं और यह स्वास्थ्य को भी नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती हैं। जबकि इस दिशा के सही प्रयोग से स्वास्थ्य और धन दोनों का लाभ हो सकता हैं। ज्यादातर लोगों के लिए यह दिशा पैसों को बचाने का कार्य करती हैं। यह दिशा अनावश्यक खर्चो को कम कर देती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से यह दिशा पेट के साथ जुड़ी हुई हैं। इसकी सही रहने से पेट का स्वास्थ्य और जो भी हम खाते पीते हैं, वह व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ देता हैं। इसकी बिल्कुल विपरीत अगर इस दिशा का बुरा प्रभाव पड़ता हैं, तो शरीर समझ नहीं पाता कि क्या चीज उसकी फायदे की हैं, और कौन-सी चीज इसके लिए हानिकारक हैं। बुद्धि का भी नुकसान होता हैं, क्योंकि अनावश्यक विचार बुद्धि में समस्या और भ्रम पैदा करते हैं।
ऐसे लोगों में बेहतरीन नेतृत्व करने की विशेषता होती है। ऐसे लोग किसी अन्य व्यक्ति के नीचे कार्य करना पसंद नहीं करते। ये लोग अधिकतर अपना व्यवसाय करते हैं व उसमें कामयाब होते हैं। ये लोग काफी महत्वाकांक्षी होते हैं व जिंदगी में काफी तरक्की करते हैं।

दक्षिण दक्षिण पश्चिम दिशा को गंधर्व की दिशा भी बोला जाता है। यह इसलिए क्योंकि इस दिशा के देवता गंधर्व जी हैं। स्वास्थ्य और धन के बारे में आप जान चुके हैं। इसके अलावा यह दिशा कलाकारों के लिए भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। कोई कलाकार जैसे कि कोई चित्रकार, अभिनेता या किसी और क्षेत्र से जुड़ा हुआ कलाकार इस दिशा से लाभ प्राप्त कर सकता हैं। इसका मुख्य कारण यह हैं, क्योंकि किसी भी कलाकार को यह देखना पड़ता हैं कि उनसे अपनी कला में क्या दिखाना हैं और क्या नहीं दिखाना हैं और किस को दिखाना हैं और कब दिखाना हैं। चूंकि इस दिशा का प्रभाव खर्चो पर भी पड़ता हैं। इसीलिए इसके सही होने से व्यवसाय में खर्चे कम होते हैं और लाभ की बढ़ोतरी होती हैं।
व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों को अपने बैठने का स्थान इस दिशा की तरफ़ कभी नहीं रखना चाहिए। शयनकक्ष और रसोई घर इस दिशा की तरफ़ कभी नहीं होना चाहिए। दक्षिण-दक्षिण पश्चिम दिशा में घर का पूजा का कमरा कभी नहीं होना चाहिए।
इस दिशा में घर का शौचालय हो सकता हैं। इस दिशा में घर का सेप्टिक टैंक हो सकता है। इस दिशा में घर का स्टोर रूम बनाया जा सकता हैं।
यह जानना जरूरी हैं, कि इस दिशा में अगर घर का पूजा का कमरा या फिर कोई भी और कमरा हैं, तो उनको हटाने के अलावा कोई और उपाय नहीं हैं। अगर रसोई इस दिशा में स्थित होती हैं, तो पीले रंग का पत्थर गैस के चूल्हे नीचे स्थापित किया जा सकता हैं। लेकिन अगर रसोई में खाने का सामान पड़ा होगा तो वह स्वास्थ्य के लिए दिक्कत पैदा कर सकता हैं। इसीलिए खाने का सामान वहां से हटा देना चाहिए। चाहे वह कोई व्यापारी हो, या कलाकार हो या अभी कोई आम व्यक्ति हो, जिसकी समस्या यह हैं, कि वह समझ नहीं पाता कि क्या रखना चाहिए या देना चाहिए, ऐसे व्यक्ति के लिए दक्षिण दक्षिण-पश्चिम दिशा बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इस दिशा के सही प्रयोग से व्यक्ति को स्वास्थ्य और धन दोनों का लाभ हो सकता हैं। काफी लोग धन और स्वास्थ्य की समस्या आने पर पश्चिम दिशा की तरफ ध्यान देते हैं। परंतु उन्हें दक्षिण दक्षिण पश्चिम दिशा की तरफ ध्यान देना चाहिए।