दक्षिण दिशा के लिए वास्तु उपाय

वास्तु शास्त्र  के अनुसार दक्षिण दिशा का संबंध नाम और ख्याति से है। इस दिशा का मुख्य तत्व अग्नि होने की वजह से हमें संतोष प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए हम जो भोजन करते हैं, तो यह भोजन हमारे पेट की अग्नि (जठराग्नि) द्वारा ही पचाया जाता है व इससे हमें संतोष मिलता है। इस प्रकार हमें दोबारा कार्य करने की ऊर्जा प्राप्त होती है। हमें कार्य करने के बाद जो संतोष मिलता है वह दक्षिण दिशा की वजह से मिलता है।

इस दिशा के देवता यमराज हैं। इसका मुख्य रंग लाल होता है। इसके साथ ही जितने भी रंग अग्नि को दर्शाते हैं जैसे कि संतरी, मैजेंटा इत्यादि, यह सभी रंग दक्षिण दिशा के होते हैं।

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दक्षिण दिशा में क्या होना चाहिए वह क्या नहीं होना चाहिए?

दक्षिण दिशा में कभी भी टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए। ऐसा करने पर आपने बाज़ार में जो अपना नाम बना रखा है वह खराब हो सकता है। यह आपके मान सम्मान पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। लोग आपके पीठ पीछे आपकी बुराइयां करने लगते हैं व आपके बारे में गलत बोलने लगते हैं। इसके साथ ही यह आपकी नींद में भी बाधा डाल सकता है।

दक्षिण दिशा में पूजागृह का होना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने पर आपका नाम खराब हो सकता है। आप भले ही कितनी भी मेहनत कर लें पर आप सफलता प्राप्त नहीं कर पाएंगे। ऐसा करना आप के मान सम्मान के लिए भी अच्छा नहीं है।

दक्षिण दिशा बेडरूम बनवाने के लिए सबसे अच्छी दिशा मानी जाती है। ऐसा इसलिए कि सोते समय हम आराम की अवस्था में होतें हैं। इस दिशा में बेडरूम होने से आपका नाम बना रहता है व आपका काम भी सही से चलता है। आपको नींद अच्छी आती है व पाचन तंत्र भी मजबूत होता है।

किचन बनवाने के लिए दक्षिण दिशा काफी अच्छी मानी जाती है पर साथ ही आपको यह ध्यान रखना है कि किचन का पत्थर काले रंग का नहीं होना चाहिए व कोई अन्य काले रंग की वस्तु नहीं होनी चाहिए। इससे भी आप के मान सम्मान पर प्रभाव पड़ सकता है व आपका नाम खराब हो सकता है।

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दक्षिण दिशा की वजह से उत्पन्न हुए वास्तु दोष को कम करने के उपाय:

यदि आपकी किचन दक्षिण में है व वहां कोई भी काले रंग की चीज है जैसे कि काला पत्थर, दरवाजा या अन्य कोई भी वस्तु तो आपको उसे बदल देना चाहिए या उस जगह पर कोई अन्य कलर करवा लेना चाहिए। आप वहां पर लाल, हरा अथवा भूरा रंग करवा सकतें हैं। किचन के पत्थर के लिए सबसे अच्छा रंग ऑफ व्हाइट है।

अगर आपके घर में दक्षिण दिशा में टॉयलेट बना हुआ है, तो टॉयलेट सीट के चारों तरफ लाल रंग की पट्टी लगा दीजिए। इससे वास्तु दोष कम होता है व आपके मान-सम्मान में जो कमी हो रही, वह यश-समृद्धि में बदलने लगती है।

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