पूर्व दिशा के लिए वास्तु उपाय

पूर्व दिशा का संबंध आपके संपर्कों से हैं, मतलब आप कितने लोगों को जानते हैं या आपका संपर्क कितने लोगों से हैं? यह आपके समाजिक संपर्कों को मजबूत करती है व आपकी जानकारी को बढ़ाती है,।

जो लोग मार्केटिंग के क्षेत्र में हैं, उनके लिए यह दिशा बहुत अच्छी मानी जाती है, क्योंकि उनका कार्य ही लोगों से संपर्क बनाना व उन्हें किसी चीज के लिए मनाना है। यह आपको नये-नये लोगों से जोड़ने में मदद करता है। यदि संपर्क कम होने की वजह से आप अपने करियर में सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं, तो आपको पूर्व दिशा की जानकारी प्राप्त कर उस पर काम करना चाहिए।

पूर्व दिशा का मुख्य तत्व वायु है। इस दिशा के देवता भगवान इंद्र है। इस दिशा का मुख्य रंग हरा व भूरा है।

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पूर्व दिशा में क्या होना चाहिए व क्या नहीं होना चाहिए?

इस दिशा में कभी भी टॉयलेट नहीं बनवाना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो आपके सारे संपर्क खत्म या कम हो सकते हैं।

इस दिशा में किचन नहीं बनवाना चाहिए, ऐसा करने से आप के संपर्क आपके काम नहीं आएंगे।

यहां मंदिर बनवाना भी शुभ नहीं माना जाता, इससे भी आपके संपर्क कम हो सकते हैं।

इस दिशा में सफेद या पीला रंग नहीं होना चाहिए।

यहां पर बेडरूम होना अच्छा माना जाता है, इससे आपके अधिक व मजबूत संपर्क बनते हैं।

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पूर्व दिशा की वजह से उत्पन्न हुए वास्तु दोष को कम करने के उपाय:  

अगर इस दिशा में टॉयलेट है तो आप टॉयलेट के चारों तरफ एक हरे रंग की पट्टी लगा सकते हैं।

यदि इस दिशा में किचन बना हुआ है, तो चूल्हे के नीचे एक हरे रंग का पत्थर रख दीजिए इससे भी वास्तु दोष कम होगा व आपके संपर्क मजबूत होंगे।

यदि इस दिशा में मंदिर बना हुआ है, तो इसे यहां से हटाकर उत्तर-पूर्व दिशा में बनवा सकते हैं।

अगर इस दिशा में पीला या सफेद रंग किया हुआ है, तो आपको इस रंग को हटा देना चाहिए या बदलवा लेना चाहिए।